CATEGORY

Personal Blog

हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रुठै नहीं ठौर : शिक्षक दिवस पर खास

आज शिक्षक दिवस है, यह दिन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को, उनके याद में...

तीज की कुछ यादें, कुछ अभी की बातें और एक आधुनिक समस्या

बचपन से ही तीज का पर्व मेरे लिए एक ख़ास पर्व रहा है. सच कहूँ तो उन दिनों इस पर्व का न तो कारण...

इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी में याद आता है – एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना..

बारिश हो रही हो, मौसम सुहाना हो गया हो और ऐसे में अगर कुछ पुराना याद आ जाए तो जाने क्या हो जाता है...

कंप्यूटर से दोस्ती की एक सच्ची कहानी

हम आपके हैं कौन फिल्म का एक सीन है, जब निशा(माधुरी दीक्षित) पहली बार अपनी बहन के ससुराल आती है तो रीटा(सहिला चड्डा) उससे...

कुछ पल के लिए ही सही, एक कीड़े ने पुराना समय याद दिलाया।

कल की सुबह बेहद आम थी. मैं घर से काम पर निकला. सुबह दस बजे की मेट्रो लेता हूँ मैं. मेरे मेट्रो रूट पर...

घड़ी तो नहीं रही, पर वो समय भी नहीं रहा लेकिन हम तो वही हैं..

इतवार की सुबह है, पता नहीं कहाँ से अचानक पुरानी बातें याद आ रही हैं. सुबह की शुरुआत रफ़ी साहब के उसी गाने से...

पन्द्रह अगस्त और कुछ यादें, बातें मेरी – नास्टैल्जिया

पंद्रह अगस्त...जाने क्या क्या यादें जुड़ी हैं इस एक दिन से. ये दिन सच में ख़ास होता है, मन का मौसम चाहे कैसा भी...

गली क़ासिम में आकर – ग़ालिब की गलियों में घूमते हुए

गली क़ासिम में आकर , तुम्हारी ड्योढ़ी पे रुक गया हूँ मिर्ज़ा नौशा तुम्हे आवाज़ दूँ , पहले , चली जाएँ ज़रा , परदे में उमराव ,...

मेरे दादाजी और सिंघौल गाँव का पहला डाकघर – पुरानी यादें

यह बहुत पुरानी बात है. मेरे गाँव की कहानी है. मेरे दादाजी की और मेरे गाँव के पहले पोस्ट ऑफिस की कहानी. कभी ये...

वो कमरा याद आता है.. – मेरा पुराना कमरा और एक कविता

जावेद साहब की एक कविता है "वो कमरा याद आता है".उस कविता को जब कभी पढ़ता हूँ, एक टीस सी उठती है मन में.दो...

Latest news